इंदौर में पत्नी की संपत्ति धोखे से बेची गई: पति ने महिला मित्र का फोटो चिपकाकर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर किया सौदा

इंदौर में पत्नी की संपत्ति धोखे से बेची गई: पति ने महिला मित्र का फोटो चिपकाकर फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर किया सौदा


मालिकाना हक़ में खेला गया धोखाधड़ी का खेल

  • शिकायतकर्ता: आशादेवी परमार, वार्ड रायकनपुर, शुजालपुर सिटी, जिला शाजापुर

  • आरोपी: पति मुकेश परमार (इंदौर), महिला मित्र छाया आर्य (नागदा)

  • दावा: वर्ष 2018 में आशादेवी ने दीपक पालीवाल से व्यवसायिक भूखंड खरीदा था, जिसमें उन्होंने लार्सन एंड टुब्रो (L&T) से लोन लिया और रजिस्ट्री कराने के बाद संपत्ति सील करवा दी थी।

  • 2024 में आई धक्का: जब वे संपत्ति देखने गईं, तो पाया कि उनके ताले की जगह नया ताला लगा हुआ था और अब प्रधानमंत्री शैलेंद्र लालवानी का बोर्ड लगा था।


कैसे हुआ धोखा?

  • आशा देवी ने शैलेंद्र से संपर्क किया, तो पाया कि संपत्ति बेच दी गई है, और विक्रेता छाया आर्य को बताया गया। पति और खारगवनपुर के सुमित गजवानी व दीपक बैरागी को गवाह बनाया गया।

  • ऑनलाइन रजिस्ट्री की कॉपी देखने पर पता चला कि छाया का फोटो आशा देवी की फोटो पर चिपकाया गया था, और फर्जी हस्ताक्षर के साथ जुलाई 2020 में संपत्ति बेच दी गई।


पुलिस की कार्रवाई

  • भवरकुआ थाना पुलिस ने शिकायत दर्ज की है और धोखाधड़ी व फर्जी हस्ताक्षर के मामलों में FIR दर्ज कर चुकी है।

  • आरोपियों मुकेश व छाया की तलाश जारी है — दोनों के ठिकानों पर नोटिस भेजे गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला।

  • रजिस्ट्री में उपयोग किए गए अंगूठे के निशान भी फ़र्ज़ी पाए गए हैं।


सारांश — कुल मिलाकर:

पहलू विवरण
धोखाधड़ी का तरीका महिला की फोटो चिपकाकर संपत्ति का गलत उपयोग
घटना का समय 2024 में संपत्ति देखी गई
प्रमुख आरोपी पति और महिला मित्र
कानूनी कार्रवाई FIR दर्ज, तलाश जारी

यह मामला क्यों ज़रूरी है?

यह घटना फर्जी रजिस्ट्री और दस्तावेज के माध्यम से संपत्ति पर अवैध हक़ हासिल करने की इसका जीता जागता उदाहरण है। हाल ही में इंडोर प्रशासन ने ₹100 करोड़ से अधिक मूल्य वाली संपत्तियों की नोटरीकरण पर रोक लगाई थी, ताकि इस तरह के धोखाधड़ीरोधी कदम उठाए जा सकें

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